नाम रूपकुंड और फेमस है ”कंकाल झील” के नाम से ‘The Mystery Of ‘Skeletons Lake’

The Mystery Of ‘Skeletons Lake’

बात घूमने की हो वो भी उत्तराखंड की हसीन वादियों की तो मन में रोमांस या खुशी आनी तो जाहिर सी बात है, जी हां आप लोगों को कुछ ज्ञान की बातें बताते हुए आज आप को जहां ले के जाने की सोच रहे हैं उसमें से एक जगह है रूपकुंड झील पर आप को पता है ये फेमस है कंकाल झील के नाम से अरे हो भी क्यों ना क्योंकि यहां झील में कंकाल ही तो दिखते हैं तो अगर कुछ दिनों के लिए खुद के साथ समय बिताने की सोच रहे हैं तो हम उत्तराखंड की उस जगह के बारे में बताने जा रहे हैं तो करीब 16 हजार फीट ऊंचाई पर है और यहां पहुंचकर आपका दिमाग खुल जाएगा | हिमालय के रूपकुंड झील की कहानी है ही कुछ ऐसी। यहां एक अरसे से इंसानो की हडि़डयां बिखरी पड़ी हैं। इसलिए इसे कंकालों वाली झील भी कहा जाता है। तो आइए जानते हैं कंकालों वाली झील का रहस्य। 

कंकालों की कहानी या मान्यता

जानकार बताते हैं कि इन कंकालों का जब परीक्षण हुआ तो पता चला कि वो 12वीं और 15वीं सदी के बीच के थे।

इसके पीछे कई कहानियां बताई जाती हैं। एक राजा रानी की कहानी सदियों पुरानी है। इस झील के पास एक नंदा देवी का मंदिर है। माना जाता है कि राजा रानी ने मंदिर के दर्शन के लिए पहाड़ चढ़ने का फैसला किया। लेकिन वो यहां अकेले न जाकर नौकर चाकर साथ ले गए। यह सब देखकर देवी को गुस्सा आया। उनका गुस्सा बिजली बनकर उन सब पर ऐसा गिरा कि वे सभी मौत के मुंह में समा गए।

मान्यता ये भी

इस झील के बारे में यह भी माना जाता है कि कंकाल उन लोगों के हैं जो किसी महामारी में एक साथ मारे गए। जबकि कुछ लोगों का मानना है कि ये सभी आर्मी वाले लोग हैं, जो बर्फ के तूफान में फंस गए और मारे गए। बर्फीले पानी ने उनके शरीर को सैकड़ों वर्षों तक सुरक्षित रखा।

 

रिसर्च क्या कहती है

इस रहस्या का पता लगाने के लिए कई नेशनल, इंटरनेशनल लेवल पर हुई एक स्टडी के अनुसार, ये कंकाल सिर्फ भारत के ही नहीं, बल्कि ग्रीस, साउथ ईस्ट एशिया के लोगों के भी हैं। एक नई रिसर्च बताती है कि यह सभी कंकाल अलग अलग नस्लों के हैं। इनमें महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं।

ऐसे जाएं
रूपकुंड जाने के लिए पहले ऋषिकेश से होते हुए देवप्रयाग फिर रुद्रप्रयाग फिर कर्णप्रयाग फिर थराली जाएं। इसके बाद देवाल और फिर वांण-बेदनी बुग्याल फिर बखुवाबासा पहुंचेंगे। जहां से आपको केलू विनायक जाना होगा। फिर आप रूपकुंड पहुंच जाएंगे। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित ये रूपकुंड ट्रैक आपको रोमांच से भर देगा। यहां दूर-दूर तक घने जंगल हैं, साथ ही यहां की रूपकुंड झील और ये जगह काफी रहस्मयी है। हालांकि, चारों तरफ पर्वतों की घाटियां इस जगह को और भी ज्यादा शानदार बना देती हैं। ये हिमालय की दो चोटियों त्रिशूल और नंदघुंगटी के तल के पास स्थित है। यहां कई लोग ट्रैकिंग करते नजर आ जाएंगे। यहां कुछ मंदिर और एक छोटी सी झील भी है,

तो दोस्तों कैसा लगा आपको ये रूपकुंड ट्रैक आशा करते हैं आप हमारी जानकारी से संतुष्ट होंगे, आगे भी आपको ऐसी जानकारी देते रहेंगे, उम्मीद है आप एक बार जाने का ख्वाब तो जरूर देखेंगे |

धन्यवाद्

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