कहते हैं असफलता ही सफलता की कुंजी है और उसी सफलता की एक मिसाल हैं Colonel Harland Sanders, जिसने कई असफलताओं के बाद एक ऐसी मिसाल पेश की की आज वो दुनिया में एक नाम बन गया, जिस उम्र में लोग रिटायरमेंट लेते हैं, उस उम्र में इनका करियर शुरू हुआ। 65 साल की उम्र में KFC की शुरुआत की थी। आइए जानते हैं कैसे एक के बाद एक कर्नल सैंडर्स को मिलती रहीं असफलताएं और फिर एक दिन चमक उठी किस्मत।
एक-दो नहीं पूरे 1000 बार हुए फेल, तब 65 की उम्र में खड़ा किया बिज़नेस, आज 150 से ज्यादा देशों में हैं हजारों स्टोर
KFC …..
KFC अमेरिका की एक फ़ास्ट फ़ूड रेस्टोरेन्ट चैन है ये संसार की McDonald’s के बाद दूसरी बड़ी रेस्टोरेन्ट चैन है | इसका पूरा नाम KENTUCKY FRIED CHICKEN है | जो लोग चिकन खाने के शौकीन है उन्होंने KFC का नाम कही न कही और कभी न कभी सुना ही होगा और जो लोग KFC के विषय मे नही जानते है आज हम उन्हें KFC Full Form और इससे जुड़े कुछ आवश्यक तथ्य के बारे में विस्तार से बतायेंगे,
हालैंड सेंडर्स ९ सितम्बर 1890 को इंडिआना के नजदीक एक छोटे से गांव में पैदा हुये 6 साल की उम्र में ही इनके पिता की मौत हो गई ३ भाइयों में ये सबसे बड़े थे , और पैसे कमाने के लिए इनके माँ को घर से बाहर रहना पड़ता था , तो हालैंड के ऊपर अपने भाइयों को पालने की जिम्मेदारी आ गए थी छोटे भाइयों की जिम्मेदारी के चलते 7 साल की उम्र में ही ये ब्रेड और सब्जियाँ बनाने में मास्टर हो गए थे लेकिन मुश्किल बढ़ती गए और माँ की सैलेरी से घर चलाना और भी मुश्किल हो रहा था तब हालैंड ने १० साल की उम्र में एक फार्म हाउस पर जानवरों को खाना डालने की नौकरी शरू कर दी, इतनी कम उम्र में हॉलैंड का काम करने में मन नहीं लगता था जाहिर सी बात है जो उम्र खेलने की हो तो कहां काम में मन लगेगा जिसके चलते उसे इस नौकरी से निकाल दिया, हालत बदल गए और 12 साल के हुए तो माँ ने दूसरी शादी कर ली, हॉलैंड के दूसरे सौतेले पिता को बच्चों का उनके साथ रहना पसंद नई आ रहा था जिसके चलते रोज घर में झगड़े होने लगे, जिसके चलते हालैंड और उसके भाइयों को उसके एक रिश्तेदार के घर भेज दिया गया, अब जिम्मेदारी और बढ़ गए तो फिर से हॉलैंड ने फार्महाउस में जानवरों को चारा डालने की नौकरी शुरू कर दी वो सुबह चारा डालते फिर अपने स्कूल जाते और शाम को मक्के छीलने की नौकरी करता, 13 साल की उम्र में इतना काम और पढाई, काम तो हो रहा था पर पढाई ढंग से नहीं हो पाई तो स्कूल से निकाल दिया गया, फिर वो दो सालो तक फार्म पर ही काम करता रहा, पर उधर अब घर के खर्चे चलाना मुश्किल हो रहा था तो हॉलैंड ने आर्मी में जाने की सोची लेकिन मुश्किल ये थी की हॉलैंड की उम्र कम थी, तब हॉलैंड ने अपने प्रमाणपत्र में अपने उम्र को आर्मी के काबिल दिखाया और वो आर्मी में भर्ती हो गया, तो कुछ सुकून मिला लेकिन किस्मत को ये कहा मंजूर था, करीब एक साल बाद आर्मी को उसकी असलियत के बारे में पता चला तो उसे आर्मी से भी निकाल दिया गया, मुश्किलें पीछा छोडने का नाम नहीं ले रही थी बढ़ती उम्र के साथ कोई ऐसी नौकरी नहीं थी जो हॉलैंड ने ना की हो, इसी बीच उनकी शादी भी हो गयी, इसके बाद भी हॉलैंड ने कई नौकरी की कहीं से उसे निकाल दिया जाता तो कहीं से वो खुद ही छोड़ देता, अभी ये सिलसिला चल हे रहा था कि हॉलैंड की पत्नी ने भी उसके भविष्य को देखते हुए उसे छोड़ दिया, धीरे धीरे समय बीतता गया और तब हॉलैंड की मुलाकात एक तेल और गैस कंपनी के मालिक से हुई और उसने हॉलैंड को एक गैस स्टेशन चलाने का ऑफर दिया और हॉलैंड मान गया, गैस स्टेशन का हॉल ये था की वहां बिक्री बहुत काम थी लेकिन हॉलैंड ने अपने हुनर से देखते ही देखते उस गैस स्टेशन की बिक्री 3 गुना बढ़ गई, तब कहीं जा के हॉलैंड के जीवन में फिर से खुशियाँ दिखने लगी थी , खुशियों के दिन शुरू ही हुए थे कि एक बार फिर हॉलैंड की किस्मत को ये मंजूर नहीं था, उसी समय पूरे दुनिया में आर्थिक मंदी का दौर आया और हॉलैंड के गैस स्टेशन की बिक्री इतनी कम हो गयी कि उसका गुजारा करना मुश्किल हो गया और कंपनी ने उससे गैस स्टेशन वापस ले लिया और एक बार फिर हॉलैंड अपने नौकरी से हाथ धो बैठा | अभी हॉलैंड की उम्र की थी तभी एक गैस कंपनी ने हॉलैंड के तजुर्बे को देखते हुए उसे नौकरी का ऑफर दिया तो हॉलैंड की उम्मीद की किरण जागी और उसने गैस स्टेशन का चार्ज संभाल लिया और बिक्री बढ़ने के लिए कस्टमर सपोर्ट शुरू कर दिया | अब ये गैस स्टेशन एक हाइवे पर था तो हॉलैंड ने स्टेशन पर आने वालो को कुछ खिलाने का इंतज़ाम किया रहने वाले कमरे में ही खाने वाली टेबल पर लोगों को खिलाता लोग उसका बना खाना पसंद भी करने लगे और उसमें ख़ास था फ्राईड चिकन, धीरे धीरे उसने एक टेबल से शुरू कर स्टेशन के साथ ही एक रेस्टोरेंट खोल दिया और इसका नाम दिया गया हॉलैंड सेंटर कोर्ट एंड कैफ़े | अब जहां सिर्फ आने जाने वाले ही लोग आते थे तो वहीं अब दूर दूर से लोग आने लगे, अब हॉलैंड खुश था और अपनी फ्राईड चिकन वाली रेसिपी को दिन ब दिन बेहतर करने में लगा था | तभी 1939 में सेकेंड वर्ल्ड वॉर शुरू हो गया और अमेरिका में आर्थिक संकट आ गया और हॉलैंड के रेस्टोरेंट में भीड़ बहुत कम हो गयी थी और धीरे धीरे लोगों ने घरो से बाहर निकलना ही छोड़ दिया | हालात इतने ख़राब हो गए थे कि गुजारा करना मुश्किल हो गया था तब 52 साल की उम्र में हॉलैंड को एक बार फिर से अपने काम को बंद करना पड़ा | 1942 में जब वर्ल्ड वार खत्म हुआ तब हॉलैंड ने एक बार फिर से रेस्टोरेंट खोलने का मन बनाया लेकिन उम्र होने के चलते अब इतना काम कर पाना मुश्किल था और ना ही इतने पैसे थे | तब हॉलैंड ने अपने एक दोस्त के साथ मिल कर हाईवे पर एक रेस्टोरेंट खोला धीरे धीरे हॉलैंड ने इतनी तरक्की की कि वहां के गवर्नर ने उनको कर्नल की उपाधी दी | उसके बाद से ही हॉलैंड को कर्नल हॉलैंड सैंडर्स कहा जाने लगा | अब जिस दोस्त के साथ मिल के रेस्टोरेंट खोला था उसके साथ नहीं बनी तो हॉलैंड ने उसे पैसे दे कर रेस्टोरेंट को अपने नाम कर लिया | दिन गुजरते गए और हॉलैंड का फ्राईड चिकन मशहूर हो गया | अब हॉलैंड को रेस्टोरेंट खरीदने वालों के कई ऑफर आने लगे लेकिन हॉलैंड ने मना कर दिया |
वहीं मुसीबत हॉलैंड का कहां पीछा छोड़ने वाली थी , वो ये थी की सरकार की एक परियोजना में उस हाईवे को बाईपास कर दिया गया जहां हॉलैंड का रेस्टोरेंट था | अब बिक्री में फिर से गिरावट आ गई और खरीदार भी अच्छे पैसे देने को तैयार नहीं थे लेकिन मजबूरी के चलते कर्नल हॉलैंड को आधी से भी कम कीमत पर इसे बेचना पड़ा | अब कर्नल हॉलैंड की उम्र 65 साल की हो गए थी और उनके पास कमाने का कोई जरिया भी नहीं था |
ज़िंदगी मे इतनी नाकामी के बाद कर्नल हॉलैंड को एक बार फिर एक आईडिया आया उसने सोचा क्यों ना अपनी फ्राईड चिकन रेसिपी को फ्रेंचाइज किया जाय तब कर्नल हॉलैंड ने केंटकी फ्राईड चिकन के नाम से रजिस्टर करवाया और अपनी दूसरी पत्नी के साथ एक कार में हर रेस्टोरेंट में जाते और उनको अपनी फ्राईड चिकन रेसिपी खिलाते और अगर पसंद आ जाय तो कॉन्ट्रेक्ट साइन करते , कर्नल घूमते गए और अपने फ्राईड चिकन रेसिपी का नेटवर्क बढ़ाते गए | अब जहां कैंटकी में ही फ्राईड चिकन रेसिपी फेमस थी अब पूरे अमेरिका में चर्चा होने लगी | 8 साल बाद 73 साल की उम्र में कर्नल हॉलैंड 600 से जयादा रेस्टोरेंट को अपनी फ्राईड चिकन की रेसिपी दे चुके थे | अब कर्नल की उम्र ज्यादा हो गई थी तब वो मैनेज नहीं कर पा रहे थे तब कर्नल ने एक बिजनसमैन के साथ समझौता किया जिसमे कहा गया कि कर्नल की फोटो ही KFC के लोगो पर रहेगी | 90 साल की उम्र में कर्नल हॉलैंड सैंडर्स ने दुनिया को अलविदा कह दिया |
आज कर्नल सैंडर्स दुनिया में नहीं हैं, लेकिन KFC पर खास दाढ़ी और वेस्टर्न टाई के साथ उनका चेहरा आज भी केएफसी का चिकन खाने वालों को उन्हें भूलने नहीं देता। आज के वक्त में KFC के 150 से भी अधिक देशों में 22 हजार से भी अधिक स्टोर हैं।